नकारात्मक असर negative thoughts
नकारात्मक असर
आज कल के नव युवक (किशोर) बड़े लोगों के बेवहार और मीडिया से बहुत जल्दी प्रभावित हो जाते हैं।
दोस्तों का सहारा केवल बच्चों और विद्वानों पर ही नहीं, बल्कि बड़े लोगों पर भी असर डालती है। स्वाभिमान की कमी की वजह से लोगों में '' नहीं, बुरा धन्यवाद '' कह कर बुरा असर से दूर रहने की हिम्मत नहीं होती है।
ये नकारात्मक प्रभाव क्या है?
नकारात्मक सोच वाले लोग (नकारात्मक लोग)
एक चील का अंडा किसी तरह एक जंगली मुर्गी के घोंसले में चला गया और बाकि अंडों के साथ मिल गया।
समय आने पर अंडा फूटा। चील का बच्चा अंडे से निकलने के बाद यह सोचता हुआ बड़ा हुआ कि वह मुर्गी है।
वह उन्हीं कामों को करता है, जो मुर्गी करती थी।
वह जमीन खोद कर अनाज के दाने चुगता, और मुर्गी की तरह ही कुड़कुड़ाता है। वह कुछ पैरों से अधिक उड़ान नहीं भरता था, क्योंकि मुर्गी भी ऐसा ही करती थी। एक दिन उसने आकाश में एक चील को बड़ी शान से उड़ते हुए देखा। उसने मुर्गी से पूछा, '' वह सुंदर पक्षी का नाम क्या है? मुर्गी ने जवाब दिया, वह चील है। वह एक शानदार पक्षी है, लेकिन आप उसकी तरह उड़ान नहीं भर सकते,
क्योंकि तुम तो मुर्गी हो | "
चील के बच्चे ने बिना किसी सोच - विचार के बिचारे मुर्गी की बात को मान लिया। वह मुर्गी की जिंदगी जीता हुआ ही मर गया। सोचने की क्षमता न होने के कारण वह अपनी विरासत को खो बैठा। उसका कितना बड़ा नुकसान हुआ। वह जीत के लिए पैदा हुआ था, पर वह दिमागी रूप से हार के लिए तैयार हुआ था |
ज्यादातर लोगों के लिए यह बात सच है।
जैसा कि ओलवर वेंडल होम्स ने कहा है कि हमारे जीवन का सबसे दुर्भाग्यपूर्ण पहलू यह है कि, "ज्यादातर लोग मन में कुछ करने की इच्छा के लिए ही कब्र में चले जाते हैं |" हम अपनी ही दूर की कमी की वजह से बेहतरीन हासिल नहीं कर पाते हैं। अगर हम चील की तरह आकाश की बुलंदियों को छूना चाहते हैं, तो हम भी कामयाब हो जाएंगे। अगर हमिंटर्स के साथ जुड़ेंगे, तो चिंतक बन जाएंगे। यदि हम देने वालों के साथ रहेंगे, तो देने वाले बन जाएंगे और अगर हम नकारात्मक सोच वाले लोगों के साथ रहेंगे, तो उसी तरह ही आगे रहेंगे।
जब कोई व्यक्ति जीवन में कामयाबी हासिल करता है, तो तुच्छ लोग उस पर कीचड़ उछालते है, और उसकी टांग खींचने की कोशिश करते हैं। हम जब खुद को ऐसे तुच्छ लोगों से उलझने से बचा लेते हैं, तो हम जीत जाते हैं।
मंगल कलाकार में सिखाया जाता है कि जब कोई हम पर हमला करे, तो उसे रोकने के बजाय अपनी जगह से हट जाइए। क्योंकि? इस के लिए कि रोकथाम के लिए अलजा की जरूरत होती है। उसका उपयोग और बेहतर कार्यो के लिए क्यों न किया जाए? तुच्छ लोगों से उलझने के लिए हमको उनके स्तर तक नीचे उतरना पड़ता है और वे यही चाहते हैं, क्योंकि ऐसा करके हम उनमे से एक बन जाते हैं।
नकारात्मक लोग अपने उद्देश्य में कामयाब रहे "। खुद को नीचे मत गिराइए। याद रखिए कि किसी व्यक्ति का चरित्र केवल इस बात से नहीं आंका जाता है कि वह कैसा सोहबत में रहता है, बल्कि इस बात से भी आँका जाता है कि वह किन लोगों की संगत नापसंद करता है।
सात प्रमुख नकारात्मक भाव
(किससे बचना है)
डर का भाव
ईष्या का भाव
घबराहट का भाव
प्रतिशोध का भाव
लालच का भाव
अंधविश्वास का भाव
स्वभाव का भाव
- विचारों के साथ आगे बढ़ने को नजरअंदाज करने की आदत
- या अवसर आने पर उसका लाभ न उठाने की आदत |
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