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सफलता क्या है सफलता का राज

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  सफलता, सफलता क्या है           जीत हासिल करने के तरीके -  बड़ी सफलताएँ हासिल करने वाले व्यक्ति अपना वक़्त ब्यर्थ, जटिल किस्म के, या विनाशकारी विचारों में संलग्न कर नष्ट नहीं करते हैं।  वे रचनात्मक ढंग से सोचते हैं, और उन्हें मालूम होता है कि उनके सोचने का तरीका ही उनका कामयाबी को तय करेगा हमें अपना ध्यान उन चीजों पर लगाना चाहिए, जिन्हें हम चाहते हैं कि न तो उन चीजों पर जिन्हें हम नहीं चाहते हैं | सफलता इत्तेफाक की देन नहीं है।  यह हमारा दृष्टिकोण — का नतीजा होता है,  और अपना नजरिया हम खुद ही चुन रहे हैं।  इसके लिए सफलता इत्तेफाक से नहीं मिलती, बल्कि हम उनका चुनाव करते हैं।  एक पुजारी कार से कहीं जा रहा था।  रास्ता में उसने एक बहुत ही सुंदर खेत देखा।  वह कार रोक कर बाहर आया और एक खेत के किनारे खड़ा हो कर उसमे लहलहाती हुई फसल की तारीफ करने लगा।  उस खेत का मालिक किसान ट्रेक्टर चला गया था।  पुजारी को देख कर किसान ट्रेक्टर और उसके पास आ गया।  पुजारी ने उसे कहा, ईश्वर ने तुम्हें बहुत सुंदर खेत दिया है।...

नकारात्मक असर negative thoughts

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  नकारात्मक असर आज कल के नव युवक (किशोर) बड़े लोगों के बेवहार और मीडिया से बहुत जल्दी प्रभावित हो जाते हैं। दोस्तों का सहारा केवल बच्चों और विद्वानों पर ही नहीं, बल्कि बड़े लोगों पर भी असर डालती है।  स्वाभिमान की कमी की वजह से लोगों में '' नहीं, बुरा धन्यवाद '' कह कर बुरा असर से दूर रहने की हिम्मत नहीं होती है।  ये नकारात्मक प्रभाव क्या है?  नकारात्मक सोच वाले लोग (नकारात्मक लोग)  एक चील का अंडा किसी तरह एक जंगली मुर्गी के घोंसले में चला गया और बाकि अंडों के साथ मिल गया। समय आने पर अंडा फूटा।  चील का बच्चा अंडे से निकलने के बाद यह सोचता हुआ बड़ा हुआ कि वह मुर्गी है।  वह उन्हीं कामों को करता है, जो मुर्गी करती थी।  वह जमीन खोद कर अनाज के दाने चुगता, और मुर्गी की तरह ही कुड़कुड़ाता है।  वह कुछ पैरों से अधिक उड़ान नहीं भरता था, क्योंकि मुर्गी भी ऐसा ही करती थी।  एक दिन उसने आकाश में एक चील को बड़ी शान से उड़ते हुए देखा।  उसने मुर्गी से पूछा, '' वह सुंदर पक्षी का नाम क्या है?  मुर्गी ने जवाब दिया, वह चील है।  वह एक शानदार पक्ष...

एक किसान की कहानी success story in hindi

  एक बार किसी ने एक किसान से पूछा, क्या तुमने इस मौसम में गेहूं की फसल बोई है?  किसान ने जवाब दिया, नहीं, मुझे बारिश न होनें का अंदेशा था | उस आदमी ने पूछा, क्या तुमने मसेस की फसल बोई है?  किसान ने जवाब दिया मुझे डर नहीं था कि कीड़े - मकोड़े खा जाएंगे? ये कहानी आपको सफलता के मार्ग पर ले जाएगी  तब उस आदमी ने पूछा, आखिरकार तुमने बोया क्या है? किसान ने जवाब दिया, कुछ नहीं, मैं कोई भी नहीं उठाना चाहता था || खतरे  हँसने में मूर्खूफ़ समझे जाने का डर है | रोने में जज्बाती समझे जाने का डर है | लोगों से मिलने में शामिल होने के डर के कारण | अपनी भावनाएं प्रकट करने में  मन की सच्ची बात खुल जाने का डर है | अपने विचार, अपने सपने लोगों के कहने में  उनके चुरा लिए जाने का डर है | दोस्तों कहानी अच्छी लगी हो तो शेयर जरूर करें, और नीचे कमेंट बॉक्स में टिप्पणी जरूर करें